Tuesday, December 7, 2010

क्या यही है अमन का पैगाम ?

प्रिय ब्लागर मित्रों !
जैसा कि हम सब जानते है कि, हिन्दू  मानसिकता और मुश्लिम मानसिकता में कितना फर्क होता है.ज्यादा कुछ ना कहूंगा लेकिन हमारे अजीज अमित के लिए कोई कुछ भी उलटा सीधा बक दे तो क्या हमें सुन लेना चाहिये ?
अमित जी, मासूम के अमन के पैगाम पर शान्ती सन्देश देते है.  पर वह
अनवर जमाल के ब्लाग पर क्या कह रहा है? देखिये
Blogger एस.एम.मासूम said...
किसने कहा की अनवर जमाल और अमित शर्मा का धर्म युद्ध हो रहा है? ऐसी बकवास ना करें और दिलों मैं नफरत ना फैलें. एक ज्ञानी और अज्ञानी का युद्ध वैसे भी नहीं हो सकता.
क्या यही है अमन का पैगाम ?
क्या इसी तरह किसी धर्म विशेष के मन्ने वालों को अज्ञानी कहकर आपस का अमन कायम किया जा सकता है ?
क्या इस्लाम को मन्ने वाले ही ज्ञानी हैं बाकी सब अज्ञानी ?
क्या हमें एक नेक बच्चे के हक में दो शब्द भी नहीं कहने चाहियें ?
मैंने अमित से इस बारें में बात की मगर वह इसे हँसी में उड़ा गये क्या हम भी हँसी में उड़ा जाएँ ?

पुष्पेन्द्र शर्मा